माता स्कंद माता पूजा – 7 अक्टूबर को आशीर्वाद की प्राप्ति : नवरात्रि का पावन अवसर चल रहा है, और 7 अक्टूबर, सोमवार को माता स्कंद माता की पूजा की जाएगी। कहा जाता है कि जो लोग उनकी पूजा करते हैं, उन्हें अद्भुत शक्तियाँ प्राप्त होती हैं। जिन लोगों को संतान सुख नहीं मिल रहा या जो संतान की इच्छा रखते हैं, उन्हें भी माता स्कंद की पूजा करनी चाहिए।
माता स्कंद माता के चार हाथ हैं; एक हाथ में भगवान स्कंद हैं, जबकि नीचे वाले हाथ में एक कमल का फूल है और बाएँ हाथ में वरदा मुद्रा है। माता रानी एक शेर पर सवार हैं और उनका रंग गौड़ होने के कारण उन्हें गौरी भी कहा जाता है। माँ को प्रसन्न करने के लिए सफेद वस्त्र पहनें और उन्हें खीर का प्रसाद चढ़ाएं।
माता स्कंद माता भगवान स्कंद की माता हैं, जो देवताओं और असुरों के बीच प्रसिद्ध युद्ध में सेनापति थे। माता का आसन कमल पर है।
नवरात्रि के पांचवे दिन माता स्कंद माता की पूजा करें।
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पूजा की विधि:
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
पूजा के लिए एक आसन बिछाएं और उस पर बैठें।
माता की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराएं।
फिर देवी को भोजन अर्पित करें।
माता की पूजा विधिपूर्वक करें।
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क्या अर्पित करें?
आप माता स्कंद माता को खीर और केले अर्पित कर सकते हैं। ये दोनों चीजें माता रानी को बहुत प्रिय हैं।
स्कंद माता पूजा मंत्र
मंत्र:
Om Aim Hreem Kleem Skandamatayai Namah
अर्थ: ओ स्कंद माता, जो ज्ञान और समृद्धि की वाहक हैं, मैं आपको पूरे मन से नमन करता हूँ।
मंत्र:
Ya Devi Sarvabhuteshu Maa Skandamata Roopen Samsthita. Namastasyai Namastasyai Namastasyai Namo Namah.
अर्थ: सभी देवियों में स्थित देवी स्कंद माता को बार-बार नमन।
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