LPG Cylinder कंपनियों ने हेराफेरी और कालाबाजारी रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब गैस सिलेंडर की डिलीवरी प्रक्रिया में कुछ नए नियम लागू किए जा रहे हैं, जिससे कालाबाजारी पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। यह नई व्यवस्था ग्राहकों और कंपनियों दोनों के लिए सहूलियत बढ़ाएगी।
गैस डिलीवरी के दौरान, जब कैश मेमो जारी किया जाएगा, तब ग्राहकों के पंजीकरण नंबर पर एक डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड भेजा जाएगा। ग्राहकों को यह कोड डिलीवरी मैन को देना होगा, तभी उन्हें एलपीजी सिलेंडर प्राप्त होगा। यह व्यवस्था जल्द ही लागू की जाएगी, और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इस संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। इस नई प्रक्रिया के तहत गैस सिलेंडर से जुड़ी ब्लैकमेलिंग पर भी रोक लगेगी।
नई व्यवस्था कब से लागू होगी?
गैस एजेंसी के संचालक के अनुसार, हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह नई व्यवस्था एक नवंबर से प्रभावी होगी, जिससे ग्राहकों को कई लाभ मिलेंगे। विभागीय अधिकारियों ने सलाह दी है कि ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए अनजान व्यक्तियों से गैस डिलीवरी नंबर जोड़ने के नाम पर ओटीपी मांगने पर तुरंत मना कर दें।
ओटीपी साझा करने से आप धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं, जो आपके लिए समस्याएं पैदा कर सकता है। अगर किसी भी प्रकार की दिक्कत आए, तो गैस एजेंसी या जिला आपूर्ति कार्यालय से संपर्क करें।
नया सिस्टम कैसे काम करेगा?
सिलेंडर की होम डिलीवरी के लिए अब डीएसी (डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड) आवश्यक होगा। गैस एजेंसी आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजेगी, जिसे आपको डिलीवरी मैन को दिखाना होगा। तभी आपको सिलेंडर प्राप्त होगा।
बिना ओटीपी के डिलीवरी प्रक्रिया पूरी नहीं होगी। नई डिलीवरी नीति के तहत, जिन ग्राहकों का नाम, पता या मोबाइल नंबर गलत है, उनके लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसलिए, सभी ग्राहकों को सलाह दी गई है कि वे अपने व्यक्तिगत विवरण अपडेट करें।